शाहरुख खान
जिसके नाम में ही शाह लगा हो वो शहेंशा तो बनेगा ही।
मगर जिस शक्सियत की आज बात हो रही है उसने जो भी मुकाम हासिल किया है वो अपने दम पे किया है। शायद ये भी एक बड़ी वजह है उसको जनता से इनता प्यार मिलने का।
चाहे वो टेलीविज़न की दुनिया हो या फिर फिल्मे हो शाहरुख खान ने सभी जगहों पे अपने अदाकारी से दर्शको का दिल जीता है।आपने कई बार कई अभिनेताओ से सुना होगा की शाह बहुत अच्छे अभिनेता है और बहुत अच्छे व्यक्ति है। अच्छे अभिनेता तो कई हो सकते है पर अच्छे व्यक्ति होना बहुत बड़ी बात है।
अगर मैं आपको ये बताऊ की शाह ने अपने टेलीविजन जगत की शुरुआत फौजी नमक एक सेरिल से की थी तो इसमें मैंने आपको कुछ ख़ास नही बताया। इसके बारे में ख़ास बात ये है की जहा लोग मायानगरी में जाके सालो काम की तलाश करते है वही शाहरुख़ ने मुंबई पहुचते पहले ही दिन ५ पिक्चर अपने नाम कर ली थी, ऐसा करना तभी संभव है जब शख्स व्यक्ति को जीतने का हुनर रखता हो।
पूरी दुनिया में ऐसा एक आद ही पुरुस्कार होगा जिससे शारुख को न नवाजा गया होगा। खैर पुरुस्कार तो आज के दौर में खरीदने पे भी मिल जाते है मगर कोई किसी की तारीफ तभी करता है जब उसका काम, उसका व्यव्हार उसको अच्छा लगता है। और आपका व्यव्हार कभी भी छुपाने से चुप नही पाता है, आपकी बोली , आपने चाल चलन से वो प्रकट हो ही जाता है।
इनके बारे में जो सबसे अच्छी बात मुझको लगती है वो ये है की जब भी कोई इनके निवास " मन्नत " पे जाता है तो ये स्वयं ही उसका स्वागत करते है, सिर्फ इतना ही नही जब वो शख्स घर से जाता है तो वो छोड़ने भी जाते है।
किसको किस समय कैसा जवाब देना है इसमें इनका कोई जवाब नही है, और ये किसी भी व्यक्ति को तभी आ सकता है जब वो अधिक से किताबे पढ़े, सभी चीजों से कुछ न कुछ सीखने की ललक उसके अन्दर हो। शाह ऱोज तीन किताबों को पढ़ते है , यही वजह है उनके सही जगह पे सही जवाब देने की।
दोस्तों को किस तरह से संभाल के रखा जाता है ये भी शाह से सीखने लायक है, करन , फरा से लेकर काजोल तब सब इसके कला के साथ साथ इनके व्यव्हार की तारीफ करते है।
अंत में बस इतना ही की हस व्यक्ति की कुछ अच्छाई होती है कुछ बुराई होती है, जिसमे अच्छाई ज्यादा होती है वो अच्छा होता है जिसमे बुराई जाता होती है वो बुरा होता है, पर हर एक शख्स में ऐसा बहुत कुछ होता है जो सीखा जा सकता है, तो कोशिश यही करे की शाह से ज्यादा से ज्यादा अच्छी चीजे सीखे।
धन्यवाद
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